नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का गठन 2017 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य देश की बड़ी परीक्षाओं को पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करना है। हाल ही में NEET UG और UGC NET 2024 परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सामने आने से NTA की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। शिक्षा मंत्रालय ने इन मामलों की जांच CBI से कराने का निर्णय लिया है।
NTA का इतिहास और उद्देश्य
2017 में स्थापित NTA का उद्देश्य उच्च शिक्षा में प्रवेश परीक्षाओं को एकल, स्वतंत्र और स्वायत्त निकाय के माध्यम से संचालित करना था। 1 मार्च 2018 को NTA को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया। यह एजेंसी स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की 15 परीक्षाएं आयोजित करती है।
NTA द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाएं
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा
- संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मुख्य: 2019 से NTA द्वारा आयोजित की जा रही है। पहले यह परीक्षा CBSE द्वारा आयोजित होती थी।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा
- राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET): मेडिकल संस्थानों में स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।
प्रबंधन प्रवेश परीक्षा
- कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (CMAT): प्रबंधन कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा। 2018 तक यह परीक्षा AICTE द्वारा आयोजित की जाती थी।
फार्मेसी प्रवेश परीक्षा
- ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (GPAT): एम.फार्मा कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा। 2018 तक यह परीक्षा AICTE द्वारा आयोजित की जाती थी।
कॉलेज/विश्वविद्यालय शिक्षण और फैलोशिप परीक्षा
- राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET): भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप की योग्यता के लिए आयोजित की जाती है। दिसंबर 2018 से यह परीक्षा NTA द्वारा आयोजित की जा रही है।
अन्य प्रमुख परीक्षाएं
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (JNUEE)
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)
- राष्ट्रीय होटल प्रबंधन संयुक्त प्रवेश परीक्षा (NCHM JEE)
- केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET UG-PG)
- जॉइंट इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (JIPMAT)
NTA की चुनौतियाँ और उपाय
हाल के पेपर लीक मामलों ने NTA की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। शिक्षा मंत्रालय ने इन मामलों की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। इसके अलावा, NTA ने परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि सीसीटीवी निगरानी, बॉयोमेट्रिक सत्यापन, और डिजिटल सुरक्षा उपाय।