
भारत सरकार सिनियर सिटीजन को उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए कई तरह की छूट प्रदान करती है। इनमें से एक महत्वपूर्ण छूट है आयकर में छूट। भारत सरकार के अनुसार, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति को senior citizen माना जाता है। 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति को अति वरिष्ठ नागरिक कहा जाता है।
सिनियर सिटीजन को मिलने वाली आयकर छूट
आयकर सीमा में छूट
आम नागरिकों के लिए आयकर की सीमा ₹2.5 लाख है, जबकि सिनियर सिटीजन के लिए यह सीमा ₹3 लाख हो जाती है। अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा ₹5 लाख होती है। यह छूट वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन को सरल बनाने का प्रयास है।
अग्रिम कर में छूट
वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को अग्रिम कर के भुगतान से छूट दी गई है, बशर्ते उनकी आयकर देयता ₹10,000 से कम हो। यह छूट उन्हें कर भुगतान की जटिलताओं से बचाने के लिए दी जाती है।
पेंशन पर मानक कटौती
वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन पर ₹50,000 की मानक कटौती दी जाती है। यह कटौती उन्हें वित्तीय रूप से सक्षम बनाए रखने में मदद करती है।
चिकित्सा बीमा प्रीमियम
वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय के लिए ₹25,000 की बजाय ₹50,000 प्रति वर्ष की छूट दी जाती है। यह छूट उन्हें चिकित्सा खर्चों से राहत देती है और स्वास्थ्य बीमा को अधिक सुलभ बनाती है।
विकलांगता के आधार पर छूट
वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को धारा 80 DD के अंतर्गत विकलांगता के लिए प्रति वर्ष ₹75,000 से ₹1,09,000 तक की छूट दी जाती है। यह छूट विकलांगता से प्रभावित नागरिकों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
निर्दिष्ट बीमारियों के लिए छूट
वरिष्ठ नागरिकों को कैंसर, एड्स, पार्किंसन, डिमेंशिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए ₹1 लाख तक की छूट दी जाती है। जबकि सामान्य नागरिकों के लिए यह छूट ₹40,000 तक होती है। यह छूट गंभीर बीमारियों के इलाज के खर्च को कम करने में मदद करती है।
अन्य महत्वपूर्ण लाभ
आयकर रिटर्न दाखिल करना
- वरिष्ठ नागरिकों को कागज पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति है, जबकि सामान्य नागरिकों के लिए ई-फाइलिंग अनिवार्य है।
ब्याज आय पर छूट
- वरिष्ठ नागरिकों को धारा 80 TTA के अंतर्गत डाकघर से मिलने वाली आय पर ₹50,000 प्रति वर्ष छूट दी जाती है। यह छूट उन्हें बचत पर अधिक लाभ प्राप्त करने में मदद करती है।
फॉर्म नंबर 15H का उपयोग
- वरिष्ठ नागरिक RD, FD, लाभांश, पेंशन या अन्य निवेश से प्राप्त आय पर बैंक से TDS का दावा करने के लिए फॉर्म नंबर 15H का उपयोग कर सकते हैं। यह प्रक्रिया उन्हें कर कटौती के बोझ से बचाती है।
आयकर रिटर्न से छूट
- यदि वरिष्ठ नागरिकों की आय का स्रोत केवल पेंशन या जमा की गई राशि का ब्याज है, तो उन्हें बैंक द्वारा आयकर कटौती की जिम्मेदारी होती है। 75 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है।
रिवर्स मॉर्गेज पर छूट
- वरिष्ठ नागरिकों को प्रॉपर्टी के रिवर्स मॉर्गेज को कैपिटल लाभ में शामिल नहीं किया जाएगा और इसे आय में शामिल करने से छूट दी जाएगी।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा senior citizens के लिए प्रदान की गई ये छूटें न केवल उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करती हैं, बल्कि उन्हें सम्मान और स्वतंत्रता भी प्रदान करती हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमारे समाज के सबसे अनुभवी और सम्मानित सदस्यों की देखभाल सुनिश्चित करता है।