योगी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। 1 जनवरी 2024 से, राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों तथा यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को बढ़ी हुई दर पर महंगाई भत्ता (DA) का भुगतान किया जाएगा।
इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
इस महंगाई भत्ते का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा:
- जिनके द्वारा 1 जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतन संरचना का चयन नहीं किया गया है
- जिनके वेतनमान पुनरीक्षित नहीं हुए हैं।
- वे पांचवें वेतन आयोग द्वारा संस्तुत एवं राज्य सरकार द्वारा लागू की गई वेतन संरचना में कार्यरत हैं।
भविष्य निधि और अन्य व्यवस्थाएं
महंगाई भत्ते की देय अवशेष राशि 1 जनवरी 2024 से 31 मई 2024 तक की अवधि के लिए कर्मचारियों की भविष्य निधि (Provident Fund, PF) खाते में जमा की जाएगी। यह राशि आयकर और सरचार्ज की कटौती के बाद जमा की जाएगी। खास बात यह है कि इस राशि को 1 जून, 2025 से पहले निकाला नहीं जा सकेगा।
यदि कोई कर्मचारी PF सदस्य नहीं है, तो यह अवशेष राशि उनके पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में जमा की जाएगी या नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के रूप में प्रदान की जाएगी।
सेवानिवृत्त और सेवानिवृत्ति के निकट कर्मचारियों का प्रबंध
जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाएं इस शासनादेश के जारी होने से पहले समाप्त हो चुकी हैं, या जो 1 जनवरी 2024 से शासनादेश जारी होने की तिथि तक सेवानिवृत्त हो गए हैं या अगले 6 महीने के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनके बकाया महंगाई भत्ते की संपूर्ण राशि नकद दी जाएगी। यदि सर्टिफिकेट उपलब्ध न हो, तो राशि नकद प्रदान की जाएगी।
राष्ट्रीय पेंशन योजना के कर्मचारियों के लिए विशेष व्यवस्था
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) से जुड़े कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की पिछले पांच महीनों की अवशेष राशि का 10% उनके टियर-1 पेंशन खाते में जमा किया जाएगा, जबकि बाकी 90% राशि PPF में जमा की जाएगी या NSC के रूप में दी जाएगी।
महत्वपूर्ण जानकारी
- यह एक प्रकार का भत्ता है जो कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए दिया जाता है।
- यह वेतन संरचना है जो समय-समय पर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर संशोधित की जाती है।
- यह एक बचत योजना है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों नियमित अंशदान करते हैं।
महंगाई भत्ता बढ़ने के फायदे
महंगाई भत्ते की वृद्धि से राज्य के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। बढ़ते हुए महंगाई दर को देखते हुए यह निर्णय कर्मचारियों के जीवनयापन को सुगम बनाएगा। यह कदम राज्य सरकार की कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाता है।