NEET और UGC NET 2024 की परीक्षाओं में पेपर लीक की खबरों से छात्रों का गुस्सा चरम पर है। UGC NET के अभ्यर्थी प्रसेनजित ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्राइवेट एजेंसी को देश की शिक्षा और परीक्षाओं की जिम्मेदारी देना गलत फैसला था। छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को खारिज करने की मांग की है।
पेपर लीक से नाराजगी और असंतोष
नेट परीक्षा के रद्द होने से छात्रों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाओं से उनकी मेहनत और समय बर्बाद हो रहा है। 19 जून को रद्द हुई परीक्षा के बाद छात्रों को अपना करियर अंधकार में नजर आ रहा है। प्रसेनजित ने बताया कि लाखों छात्रों का भरोसा NTA पर से उठ चुका है, और अब उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है।
NTA की कार्यप्रणाली पर सवाल
छात्रों का कहना है कि NTA की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियां हैं। परीक्षा केंद्रों पर अनुचित प्रबंधन और पेपर लीक की घटनाओं ने छात्रों के भरोसे को तोड़ दिया है। प्रसेनजित ने कहा कि यह खुलेआम छात्रों के साथ धोखा है, और NTA को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
सरकारी नौकरियों पर असर
UGC NET स्कोर से सरकारी नौकरियों के उम्मीदवारों पर भी बुरा असर पड़ा है। अनेक वेकेंसी अब खतरे में हैं, और कई उम्मीदवारों के करियर पर सवाल खड़े हो गए हैं। छात्रों का मानना है कि NTA को बंद कर उसकी जिम्मेदारियों को सरकार को अपने हाथ में लेना चाहिए।
प्राइवेट एजेंसी की जवाबदेही पर सवाल
छात्रों का आरोप है कि प्राइवेट एजेंसी के हाथों में परीक्षा देना गैर जिम्मेदाराना था। NTA की सरकार और जनता के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है, जिससे शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं बढ़ रही हैं।
परीक्षा केंद्रों की स्थिति
नीट परीक्षा में भी छात्रों ने परीक्षा केंद्रों की खराब व्यवस्था की शिकायत की। परीक्षा केंद्रों पर अपर्याप्त व्यवस्था और अनियंत्रित माहौल ने छात्रों की परीक्षा देने की प्रक्रिया को और मुश्किल बना दिया।