केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद से देश में घर-घर में इस्तेमाल होने वाले आटा, ब्यूटी कॉस्मेटिक्स, टेलीविजन और रेफ्रिजरेटर जैसी कई घरेलू चीजों की कीमतों में कमी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जीएसटी का मुख्य उद्देश्य 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाना है।
1 जुलाई 2017 से लागू हुआ था GST
1 जुलाई 2017 को, भारत सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करके देश के कर ढांचे में एक ऐतिहासिक बदलाव लाया। इसने 17 विभिन्न अप्रत्यक्ष करों और शुल्कों को शामिल किया, जिससे कर प्रणाली को सरल और अधिक पारदर्शी बनाया गया। जीएसटी लागू होने के 7 सालों में आम लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कई उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स लगातार कम किया गया है।
हालांकि शुरुआत में पांच वस्तुओं – प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन (एटीएफ) और कच्चे तेल को GST के दायरे से बाहर रखा गया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि ये वस्तुएं राज्यों के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत थीं, और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि राज्यों को जीएसटी लागू करने के बाद भी राजस्व में कमी न हो।
घरेलू वस्तुओं की कीमतों में गिरावट
CBIC के आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी लागू होने के बाद देश में घर-घर में इस्तेमाल होने वाले आटा, ब्यूटी कॉस्मेटिक्स , टेलीविजन और रेफ्रिजरेटर आदि समेत कई घरेलू चीजों की कीमतों में कमी आई है।
वस्तु | जीएसटी लागू होने से पहले कीमत | जीएसटी लागू होने के बाद कीमत |
---|---|---|
आटा | ₹25 प्रति किलो | ₹20 प्रति किलो |
ब्यूटी कॉस्मेटिक्स | ₹500 | ₹450 |
टेलीविजन | ₹20,000 | ₹18,000 |
रेफ्रिजरेटर | ₹15,000 | ₹13,500 |
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया X पर अपने एक ट्वीट में कहा, “हमारे लिए सुधार 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का एक साधन है। जीएसटी लागू होने के बाद घरेलू उपयोग की कई चीजें सस्ती हो गई हैं, जिससे गरीब और आम आदमी को काफी बचत हुई है। हम आम लोगों के जीवन को बदलने के लिए सुधारों की इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
For us, reforms are a means to improve the lives of 140 crore Indians.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2024
After the introduction of GST, goods for household use have become much cheaper.
This has resulted in significant savings for the poor and common man.
We are committed to continuing this journey of reforms… pic.twitter.com/dxh3BAYnHH
वित्त मंत्री का बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक में कहा, “मैं टैक्सपेयर्स को इस बात के लिए गारंटीड करना चाहती हूं कि हमारा इरादा जीएसटी टैक्सपेयर्स का जीवन आसान बनाना है। हम लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं।”
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की बात पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय तब केंद्र सरकार की यह योजना थी कि कुछ समय बाद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाए। इसे जीएसटी में लाने का प्रावधान तो बहुत पहले ही किया जा चुका है। अब यही फैसला करना है कि राज्य जीएसटी परिषद में सहमत हों और फिर तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे।
केंद्र का समय से पहले कर्ज भुगतान
दूसरी ओर, केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के तहत राज्यों को मुआवजा देने के लिए लिए गए कर्ज का समय से पहले भी भुगतान कर सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में जीएसटी राजस्व क्षतिपूर्ति को लेकर राज्यों को मुआवजा देने के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था।
अधिकारी ने बताया कि कर्ज को तय समय से करीब 4 महीने पहले नवंबर 2025 तक चुका दिया जा सकता है। जबकि बाजार से लिए गए कर्ज का पूरा भुगतान मार्च 2026 तक किया जाना है। जीएसटी परिषद की अगस्त में होने वाली अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
जीएसटी का भविष्य और सुधार की यात्रा
जीएसटी ने न केवल घरेलू वस्तुओं की कीमतों में कमी लाई है, बल्कि आम आदमी के जीवन को भी आसान बनाया है। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के बयानों से यह स्पष्ट है कि सरकार सुधार की इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष
जीएसटी के लागू होने के बाद से घरेलू वस्तुओं की कीमतों में आई कमी ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के जीवन को सुधारने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।