ओवैसी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग: जानिए किस नेता ने क्यों उठाई ये आवाज?

बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि संसद में शपथ के दौरान असदुद्दीन ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' नारे से पूरे देश का अपमान हुआ है। उन्होंने ओवैसी को संसद से बाहर निकालने की मांग की है, जिससे देश की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है।

Photo of author

Written byManju Chamoli

Published on

ओवैसी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग: जानिए किस नेता ने क्यों उठाई ये आवाज?
Owaisi’s Lok Sabha membership canceled

बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने हाल ही में एक बयान में कहा कि AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में शपथ लेते समय ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाकर पूरे देश का अपमान किया है। गिरिराज सिंह ने इस Act को गलत बताते हुए कहा कि इससे देश की बदनामी हुई है और ओवैसी को संसद से बाहर निकाल देना चाहिए।

क्या है पूरा मामला?

25 जून, 2024 को संसद में शपथ ग्रहण के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया। इस घटना के बाद बीजेपी और अन्य दलों के कई नेताओं ने ओवैसी की आलोचना की। इस मुद्दे को लेकर संसद में गर्मागर्मी का माहौल रहा और कई सांसदों ने ओवैसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया

गिरिराज सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, “ओवैसी ने जिस तरह से संसद में शपथ ली है, उससे पूरे देश का अपमान हुआ है। फिलिस्तीन जिंदाबाद कहना गलत है, इससे देश की बदनामी हुई है। उन्हें संसद से बाहर निकाल देना चाहिए। ओवैसी देश को सीरिया बनाना चाहते हैं। वे देश में गजवा ए हिंद की अवधारणा को स्थापित करना चाहते हैं।”

अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने भी ओवैसी के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए और इन्हें संसद से बाहर निकाल देना चाहिए। जो देश की मिट्टी का अपमान करते हैं, उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है।”

आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने भी ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, “ओवैसी की राजनीति हमेशा से नफरत और विवादों से भरी हुई रही है। बीजेपी और ओवैसी की राजनीति एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर इस तरह का चलन बढ़ता चला जाएगा, तो यह देश के लिए बहुत दुखद होगा। सत्ता में बैठे लोगों को अपना आचरण सुधारना होगा और ओवैसी जैसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी।”

केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा की निंदा

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने भी ओवैसी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, “ओवैसी द्वारा जय फिलिस्तीन का नारा लगाने से यह साफ जाहिर होता है कि उन्हें भारत की भूमि से कोई लगाव नहीं है। यह एक प्रकार से संसद की गरिमा पर ठेस है और हम इसकी निंदा करते हैं।”

यह भी देखें Electricity Smart Meter update: अब हर महीने बिजली बिल भरने की ज़रूरत नहीं

Electricity Smart Meter update: अब हर महीने बिजली बिल भरने की ज़रूरत नहीं

समाज में व्यापक प्रभाव

यह मामला सिर्फ संसद तक ही सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कई लोगों ने ओवैसी की आलोचना की और उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की। कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया, जबकि अन्य ने इसे देश की एकता और अखंडता पर हमला माना।

संसद की शपथ ग्रहण प्रक्रिया

पार्लियामेंट में शपथ ग्रहण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो सांसदों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाती है। शपथ ग्रहण के दौरान सांसदों को संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेनी होती है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सांसद अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करें और देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखें।

क्या कहते हैं कानून?

कानून विशेषज्ञों के अनुसार, संसद में किसी भी प्रकार की नारेबाजी या विवादित बयानबाजी अस्वीकार्य है। इसे संसद की गरिमा के खिलाफ माना जाता है और इसके लिए कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। संसद की आचार संहिता में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सांसदों को अपने व्यवहार में संयम बरतना चाहिए और संसद की गरिमा को बनाए रखना चाहिए।

ओवैसी के ‘जय फिलिस्तीन’ नारे ने देश में एक बड़े विवाद को जन्म दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है और ओवैसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह घटना हमारे देश के राजनीतिक माहौल और सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित कर सकती है।

यह भी देखें RBI ने इन बैंकों की लंका लगा दी, आप भी तो नहीं इनमें खाता

RBI ने इन बैंकों की लंका लगा दी, आप भी तो नहीं इनमें खाता

Leave a Comment