केंद्र में फिर से मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है और इसी के साथ ही केंद्रीय कर्मचारी एवं पेंशनभोगी नई सरकार से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि महंगाई भत्ते (DA) की नई दरों का इंतजार है, जो कि साल की दूसरी छमाही से लागू होनी है। आइए, जानते हैं 8वें वेतन आयोग की मांग क्यों बढ़ी है और इसका गठन कब और कैसे होगा।
8वें वेतन आयोग की मांग में वृद्धि
राष्ट्रीय परिषद के सचिव, गोपाल मिश्र के अनुसार, COVID-19 महामारी के बाद से महंगाई दर में हर साल वृद्धि हुई है। 2016 से 2023 के दौरान जरूरी वस्तुओं की कीमतों में लगभग 80% की वृद्धि हुई है। इसी दौरान, केंद्र सरकार का राजस्व भी 2015 से 2023 तक दोगुना हो गया है, जिससे सरकार की भुगतान क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए, वेतन और भत्तों की समीक्षा के लिए नए वेतन आयोग का गठन अत्यंत आवश्यक हो गया है।
वेतन आयोग का गठन और इतिहास
आपको बता दें कि हर 10 साल में एक बार वेतन आयोग का गठन किया जाता है। इसका उद्देश्य होता है कर्मचारियों की मौजूदा तनख्वाह और अन्य भत्तों की समीक्षा करना और उनमें जरूरी बदलाव सुझाना। 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं।
8वां वेतन आयोग कब होगा लागू?
यदि सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देती है, तो इसे 1 जनवरी, 2026 से लागू किया जा सकता है, क्योंकि इसकी रिपोर्ट तैयार करने में डेढ़ साल का समय लग सकता है।
सरकार का रुख
सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट भाषण में भी इसका जिक्र नहीं किया था।
8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर अभी तक कोई निश्चित तारीख नहीं है। लेकिन, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की मांगों को देखते हुए सरकार इस पर जल्द ही फैसला ले सकती है। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन स्तर में सुधार हो सकता है।